1 Thessalonians 4
1 भाइयो और बहिनो! आप लोग हमसे यह शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं कि किस प्रकार आचरण करना और परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए, और आप इसके अनुसार चलते भी हैं। अन्त में, हम प्रभु येशु के नाम पर आपसे आग्रह के साथ अनुनय करते हैं कि आप इस विषय में और आगे बढ़ते जायें।
2 आप लोग जानते हैं कि हमने प्रभु येशु की ओर से आप को कौन-कौन से आदेश दिये हैं।
3 परमेश्वर की इच्छा यही है कि आप लोग पवित्र बनें और व्यभिचार से दूर रहें।
4 आप में से प्रत्येक व्यक्ति संयम सीख कर अपने शरीर को पवित्र बनाये रखे और उसका सम्मान करे ।
5 उन विधर्मियों की तरह जो कि परमेश्वर को नहीं जानते, कोई भी वासना के वशीभूत न हो।
6 कोई भी मर्यादा का उल्लंघन न करे और इस सम्बन्ध में अपने भाई अथवा बहिन के प्रति अन्याय नहीं करे; क्योंकि प्रभु इन सब बातों का बदला लेता है, जैसा कि हम आप लोगों को स्पष्ट श्ब्दों में समझा चुके हैं।
7 क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्धता के लिए नहीं, बल्कि पवित्रता के लिए बुलाया है।
8 इसलिए जो इस आदेश का तिरस्कार करता है, वह मनुष्य का नहीं, बल्कि परमेश्वर का तिरस्कार करता है जो आप को अपना पवित्र आत्मा प्रदान करता है।
9 भ्रातृ-प्रेम के विषय में आप लोगों को लिखने की कोई आवश्यकता नहीं; क्योंकि आप लोग परमेश्वर से ही एक दूसरे को प्यार करना सीख चुके हैं
10 और सारी मकिदुनिया के भाई-बहिनों के प्रति प्रेम का निर्वाह करते हैं। प्यारो! मेरा अनुरोध है कि आप इस विषय में और भी उन्नति करें।
11 आप इस बात पर गर्व करें कि आप शान्ति में जीवन बिताते हैं और हर एक अपने-अपने काम में लगा रहता है। आप लोग मेरे आदेश के अनुसार अपने हाथों से अपना काम करें।
12 इस प्रकार आचरण करने से अन्य लोग आपका आदर करेंगे और आप को किसी बात की कमी नहीं होगी।
13 भाइयो और बहिनो! हम चाहते हैं कि मृतकों के विषय में आप को निश्चित जानकारी हो। कहीं ऐसा न हो कि आप उन लोगों की तरह शोक मनायें, जिन्हें कोई आशा नहीं है।
14 हम तो विश्वास करते हैं कि येशु मर गये और फिर जी उठे। उसी तरह परमेश्वर मृतकों को येशु के द्वारा और उन्हीं के साथ ले आएगा ।
15 हमें प्रभु से जो शिक्षा मिली है, उसके आधार पर हम आप से यह कहते हैं: हम, जो जीवित हैं और जो प्रभु के आने तक शेष रहेंगे, मृतकों से पहले महिमा में प्रवेश नहीं करेंगे;
16 क्योंकि जब आदेश दिया जायेगा और प्रधान स्वर्गदूत की वाणी तथा परमेश्वर की तुरही सुनाई पड़ेगी, तो प्रभु स्वयं स्वर्ग से उतरेंगे। जो मसीह में मर गए हैं, वे पहले जी उठेंगे।
17 इसके बाद हम, जो जीवित हैं और जो उस समय तक शेष रहेंगे, उन लोगों के साथ बादलों में ऊपर उठा लिये जायेंगे और आकाश में प्रभु से मिलेंगे। इस प्रकार हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।
18 आप इन बातों की चर्चा करते हुए एक दूसरे को सान्त्वना दिया करें।